प्रियंका गांधी और उनकी नयी राजनीति


प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद उत्तर प्रदेश की पहली यात्रा 11 फरवरी को की लेकिन उनके आने से पहले उनका भावुक संदेश आया था। भाजपा ने सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीति में अच्छा प्रचार पाया है और अब सभी राजनीतिक दल सोशल मीडिया को माध्यम बनाने लगे हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख सुश्री मायावती जो कभी मीडिया से ही दूर रहती थीं और कहती थीं कि हमारा मतदाता तो अखबार पढ़ता ही नहीं है इसलिए उसमें क्या छपा है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वहीं बसपा प्रमुख ने अब सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट खोल दिया और लाखों उनके फालोअर्स भी हो गये। इसलिए प्रियंका गांधी के आने से पहले उनकी सोशल मीडिया पर जो अपील आयी उसने लोगों  को प्रभावित किया है। आडियो संदेश में प्रियंका गांधी कहती हैं, मैं प्रियंका वाड्रा बोल रही हूं। कल (सोमवार) आपसे मिलने मैं लखनऊ आ रही हूं। मेरे दिल में आशा है हम एक नयी राजनीति की शुरुआत करें। ऐसी राजनीति, जिसमें आप सबकी भागीदारी हो जिसमें मेरे युवा दोस्त, मेरी बहिने और सबसे बढ़कर हर कमजोर व्यक्ति की आवाज सुनी जा सके। आइए मेरे साथ मिलकर एक नयी राजनीति और एक नए भविष्य के लिए काम करें।



प्रियंका गांधी वाड्रा की यह नयी राजनीति, नए भविष्य की बात लोगांे को कितना प्रभावित करेगी, यह अभी कहना मुश्किल है लेकिन इस पर चर्चा होने लगी है और सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक दिखाई भी पड़ी। कुछ ही मिनटों में प्रियंका के लाखों फालोअप हो गये और लखनऊ की सड़कों, पर जिस तरह से पोस्टरों की, बैनरों की भरमार थी। कांग्रेसी उत्साह से भरे थे। उसका संकेत तो साफ था कि प्रियंका गांधी वाड्रा की इंट्री बहुत दमदार है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की कमजोरी भी तो यही थी। इसके कार्यकर्ताओं में कोई उत्साह ही नहीं था। चुनाव के समय किसी तरह उम्मीदवार थोड़ा-बहुत जनसम्पर्क में कर लेते थे। कोई उत्साह ही नहीं दिखाई पड़ता था लेकिन प्रियंका गांधी ने कांग्रेस में जान डाल दी है। यह उनकी पहली सफलता है। राजनीति का उन्हें भले ही अब तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है लेकिन वे समय और परिस्थिति के अनुसार तीर चलाना जानती हंै। याद कीजिए 1999 के रायबरेली चुनाव की जब प्रतिद्वंद्वी दलों ने राजीव गांधी के कभी खास रहे और नेहरू परिवार के खानदानी कहे जाने वाले अरुण नेहरू को ही श्रीमती सोनिया गांधी के सामने खड़ा कर दिया था। उस समय प्रियंका गांधी काफी छोटी थीं लेकिन उन्होंने जनता से बड़ी मार्मिक बात कही थी। प्रियंका ने कहा था जो व्यक्ति अपने भाई की पीठ में छुरा घोंप सकता है वो जनता के साथ क्या करेगा? क्या आप ऐसे व्यक्ति को वोट देंगे? प्रियंका का इशारा अपने पिता राजीव गांधी के साथ अरुण नेहरू के धोखा करने का था। रायबरेली की जनता पर प्रियंका के इस प्रचार का बहुत असर पड़ा था और अरुण नेहरू को शर्मनाक पराजय मिली थी।
वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा अब नयी राजनीति की बात कह रही हैं। इससे पहले उन्होंने अपने पति रावर्ट वाड्रा से लगातार कई दिनों तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ पर सिर्फ इतना कहा कि वे अपने पति और परिवार के साथ मजबूती से खड़ी हैं। प्रियंका की कांग्रेस में इंट्री का समय बहुत की नाजुक समय है। कांग्रेस को 2014 में लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी नहीं मिल पाया। उत्तर प्रदेश जो कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करता था वहां पर दो क्षेत्रीय राजनीतिक दलों सपा और बसपा ने कांग्रेस को गठबंधन के काबिल भी नहीं समझा श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी को नवजीवन-नेशनल हेराल्ड की सम्पत्ति के मामले में अदालत से अग्रिम जमानत लेनी पड़ी है। श्रीमती सोनिया गांधी के दामाद रावर्ट वाड्रा से मनी लाड्रिंग के कथित आरोपों में ईडी पूछताछ कर रही है। प्रियंका के उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहले रोड शो की घोषणा के साथ ही रावर्ट वाड्रा से पूछताछ तेज हो गयी। ऐसे में कोई भी नेता बौखलाहट जताने लगता लेकिन प्रियंका गांधी ने जनता के नाम अपील जारी करके एक नयी राजनीति की बात कह दी।  यह नयी राजनीति एक बार फिर अरविन्द केजरीवाल युग की याद दिला देती है। सांसदों पर भ्रष्टाचार के खुले आरोप लगे तो कहा गया था कि अरविन्द केजरीवाल और पढ़े-लिखे लोग राजनीति में क्यों नहीं आते? अरविन्द केजरी वाल ने आम आदमी पार्टी बनायी और जनता को विश्वास दिलाया कि अब राजनीति को भ्रष्टाचार से मुक्त कराया जाएगा। दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को जिस तरह से समर्थन दिया था उससे दिल्ली मंे वर्षाें से जमी भाजपा और कांग्रेस जैसी दिग्गज पार्टियों का पूरी तरह सफाया हो गया था।
इसका मतलब है कि देश की जनता व्याकुल है। उसकी व्याकुलता को दूर करने का जब-जब किसी वातायन से हवा का झांेका आया तो जनता उसी की तरफ देखने लगी। हवा के झांेकों में स्वार्थ की बदबू भर गयी तो फिर जनता किसी नए वातायन के खुलने की प्रतीक्षा करने लगती है। इस तरह की प्रतीक्षा 2014 में हुई थी और 2019 में भी दिखाई पड़ रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा की नयी राजनीति की अपील इसीलिए विरोधी राजनीतिक दलों में तिलमिलाहट पैदा करती हैं तो देश की आमजनता को एक नयी उम्मीद भी देती है। राजनीति को लेकर देश की जनता के मन में जो आकांक्षा पैदा हुई थीं वो अब तक अधूरी हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ ही लोगों को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है लेकिन भ्रष्टाचार दूर करने का यह ठोस रास्ता नहीं है। विपक्ष के नेता अगर पक्षपात का आरोप लगाते हैं तो उसे अनुचित नहीं कहा जा सकता।




इसीलिए प्रियंका गांधी की नयी राजनीति ने एक बार फिर लोगों का ध्यान खींचा है। प्रियंका गांधी ने लखनऊ से दोपहर लगभग 1 बजे अपना रोड शो शुरू किया। उनके रोड शो के लिए जो रथ बनाया गया था उस पर राहुल गांधी, प्रियंका, ज्योतिरादित्य, राजबब्बर, हरीश रावत, पीएल पुनिया समेत कई जाने माने नेता सवार थे। राजनीतिक समीक्षक आवाज उठा रहे थे कि उन्होंने नये चेहरों को रथ पर क्यों नहीं बैठाया अथवा उन लोगों को क्यों नहीं बुलाया जो उपेक्षित हैं? यह अलग विषय है लेकिन प्रियंका गांधी को रोड शो में कोई भाषण नहीं देना था। उन्हें जनता का अभिवादन स्वीकार करना था और कुछ सवालों के जवाब देने थे। प्रियंका ने बिना भाषण के उनके जवाब भी दे दिये। भाजपा के एक सांसद ने अभी भद्दा सा आरोप लगाया था कि प्रियंका जब दिल्ली में रहती हैं तो जींस-शर्ट पहनती हैं और उत्तर प्रदेश में जब आती हैं तो साड़ी पहन लेती हैं। रोड शो में प्रियंका ने फुल आस्तीन का कुर्ता पहन रखा था जिसे जम्फर कहा जाता है। उन्होंने टुपट्टा भी डाला हुआ था। अर्थात वे पूरी तरह से शालीन दिख रही थीं। जनता को यह भी बता रही थीं कि विरोधी दल के नेता जो आरोप लगाते हैं वे गलत हैं।  जनता के अभिवादन का जवाब मुस्कराकर दे रही थीं। जनता की भावनाओं का जवाब मुस्कुराकर देना है। यही उनकी नयी राजनीति का आगाज है। इसके बाद जनता से वे रूबरू होंगी और उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगी। प्रियंका के आडियो संदेश में यही कहा गया कि वे युवा भाइयों और बहनों को साथ लेकर राजनीति करेंगी।
प्रियंका गांधी के रोड शो ने जनता को जिस तरह सड़कों पर खड़ा कर दिया है क्या उसी तरह वे मतदान बूथों पर भी खड़े हो सकेंगे? यह जवाब तो कांग्रेस के कार्यकर्ता ही दे सकते हैं जो कहते सुने गये कि वे बूथ स्तर पर जनता से सम्पर्क करेंगे और उन्हें प्रियंका गांधी की नयी राजनीति से जोड़ेंगे। फिलहाल प्रियंका गांधी वाड्रा का रोड शो काफी सफल रहा और यह संदेश भी दे गया कि कांग्रेस में नया जोश पैदा हो गया। कांग्रेस को जो लोग चुका हुआ समझ रहे थे, वे भी अपने आंकड़े सुधार रहे हैं।