उत्तर प्रदेश का मेगा बजट


पूर्वानुमान को सच साबित करते हुए उत्तर प्रदेश मंे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 4 लाख 28 हजार करोड़ का मेगा बजट पेश किया है। इससे पहले केन्द्र सरकार ने भी अंतरिम बजट के नाम पर लगभग पूर्ण बजट ही पेश किया था और उसमंे पीएम किसान योजना की काफी चर्चा भी हो रही है। इस योजना से 2 हेक्टेयर जमीन के मालिक किसानों को 6 हजार रुपये प्रतिवर्ष उनके बैंक खाते मंे सरकार पहुंचाएगी और उस पर अमल भी भाजपा शासित राज्यों मंे होने जा रहा है। उस समय भी कहा गया था कि मोदी सरकार ने चुनावी बजट पेश किया है और अब यूपी मंे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने तो अपना नियमित बजट किया है तो उन्हें पूरी छूट भी मिली थी। लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं और उत्तर प्रदेश मंे भाजपा को अगर 2014 का इतिहास दोहराना है तो उसे सभी वर्गों की नाराजगी दूर करनी होगी। इतना ही नहीं, इस बार योगी की सरकार के सामने एक नयी समस्या भी खड़ी हो गयी है। भाजपा ने जब 2014 मंे लोकसभा का चुनाव यूपी में प्रचण्ड बहुमत से जीता था, तब यहां की दो प्रमुख पार्टियां सपा और बसपा अलग-अलग लड़ रही थीं। इस बार सपा और बसपा ने गठबंधन कर रखा है और चैधरी अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को भी जोड़ रखा है।  विपक्षी दलों के इस गठबंधन मंे कांग्रेस को शामिल नहीं किया गया लेकिन कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति मंे उतार दिया हैै। मीडिया के एक सर्वे मंे गत दिनों बताया गया था कि प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से कोई बड़ा परिवर्तन तो नहीं संभावित है लेकिन कांग्रेस के लिए प्रियंका गांधी सांसदों की संख्या बढ़ा सकती हैं। ऐसे हालात में योगी आदित्यनाथ का बजट ही भाजपा के हित मंे परिवर्तन कर सकता है और इसीलिए बजट मंे नियोजन और शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए योगी आदित्यनाथ का यह तीसरा बजट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा भी है कि सरकार ने बजट मंे हर वर्ग का ध्यान रखा है।



योगी आदित्यनाथ की सरकार के इस तीसरे बजट को मोटे-मोटे रूप मंे इस तरह देखा जा सकता है। बजट की कुल धनराशि 479701.10 लाख करोड़ रखी गयी है। इसमंे नयी परियोजनाओं के लिए 22212 करोड़, मथुरा-वृंदावन के मध्य आडिटोरियम के लिए 8 करोड़ 38 लाख, सार्वजनिक रामलीला स्थलों मंे चहार दीवारी निर्माण के लिए पांच करोड़, वृज तीर्थ मंे अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़, अयोध्या मंे प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 101 करोड़ और पिछले वर्ष जो पर्यटन नीति बनी थी, उसके कार्यान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपये का बजट मंे प्रावधान किया गया है। योगी सरकार ने बजट मंे प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी हेतु 5156 करोड़ की व्यवस्था की है। इसी प्रकार अमृत योजना के लिए 2200 करोड़ देने की घोषणा की गयी है। बुंदेलखण्ड की वित्तीय योजनाओं के लिए 810 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है और त्वरित आर्थिक विकास योजना के लिए भी बजट में एक हजार करोड़ रुपये देने का वादा किया गया है।



भाजपा पर अल्पसंख्यकों की उपेक्षा करने का आरोप लगता है। इस आरोप को झूठा साबित करने के लिए योगी सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिए 942 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है इसके साथ ही अरबी-फारसी मदरसों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। योगी सरकार ने इसके लिए 459 करोड़ रुपये का बजट बनाया है। शिक्षा के क्षेत्र मंे भी योगी सरकार किसी प्रकार की कंजूसी नहीं दिखाना चाहती है। समग्र शिक्षा अभियान के लिए 18485 करोड़ रुपये, मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के लिए 2275 करोड़ रुपये, प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनिफार्म और स्कूली बैग के लिए भी सरकार ने 115 करोड़ की व्यवस्था कर ली है। उत्तर प्रदेश के बजट वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 470684.48 करोड़ रुपये की प्राप्तियां अनुमानित हैं। इनमंे 391734.40 करेाड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां और 78950.80 करोड़ रुपये की राजस्व बचत का अनुमान है और राजकोषीय घाटा 46910.62 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। सरकार ने डेयरी योजना के लिए 264 करोड़, विधायक निधि के लिए 1209 करोड़, निःशुल्क बोरिंग के लिए 55 करोड़ देने की बात बजट मंे कही गयी और विश्वास दिलाया गया है कि किसानों की आय दोगुनी करने पर ध्यान दिया जाएगा। बजट मंे बताया गया कि गन्ना किसानों मंे 33 लाख किसानों का भुगतान कराया जा चुका है और बाकी किसानों का बकाया भी शीघ्र दिलाया जाएगा।



योेगी सरकार के इस बजट मंे हर उस बिन्दु पर ध्यान दिया गया है जिस पर जनता ने सवाल उठाये। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी कई प्रश्न उठे थे। पुलिसकर्मियों ंकी सुविधा और पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने पर सरकार ध्यान देगी। इसके लिए बजट मंे व्यवस्था की गयी है। प्रदेश मंे 36 नये थानों का निर्माण किया जाएगा। पुलिसकर्मियों के लिए 700 करोड़ की लागत से बैरकें बनवायी जाएंगी। प्रदेश के नये जिलों में सात पुलिस लाइनों का निर्माण भी कराया जाएगा। प्रदेश मंे 57 फायर स्टेशनों पर आवासीय तथा अनावासीय भवनों का निर्माण भी 200 करोड़ रुपये मंे करया जाएगा। साथ ही पुलिस के आधुनिकीकरण पर 204 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। किसानों के लिए केन्द्र सरकार ने बेहतर योजना शुरू कर दी है तो प्रदेश मंे उस पर अमल तो हो ही रहा था, इसके साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 892 करोड़ का प्रावधान किया गया है। फसल बीमा योजना मंे पैसे की कमी न आए, इसके लिए योगी सरकार ने 450 करोड़ रुपये का प्रावधान इस बजट मंे किया है। किसानों को उर्वरक की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए 77.26 लाख टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य बनाया गया है और उर्वरकों के पूर्व भंडारण योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया है। किसानों की रबी की फसल अभी हरियाली तक ही सीमित है लेकिन योगी की सरकार ने उस फसल की खरीद और भंडारण के लिए भी बजट मंे व्यवस्था कर दी है। गेहूं का क्रय मूल्य बढ़ा दिया गया है। पहले 17 रुपये किलो था तो इस बार 1840 रुपये प्रति कुंटल की दर से गेहूं खरीदा जाएगा। गेहूं के भंडारण की व्यवस्था सुदृढ़ रखने के लिए 40 मंडी स्थलों मंे प्रत्येक 5 हजार मीट्रिक टन के भंडार गृह राज्य भंडारण निगम की पार्टनरशिप मंे बनाए जाएंगे। इस प्रकार केन्द्र सरकार के बजट मंे राज्यों के लिए जो कमी रह गयी थी, उसे योगी आदित्यनाथ के बजट ने पूरा कर दिया है।
बजट निश्चित रूप से चुनावी बजट है और कोई भी दल इसी तरह का बजट पेश करता, इसलिए विपक्षी दल बजट की आलोचना इसलिए कर रहे हैं कि उनका यह काम है। विपक्ष मंे हैं तो कुछ न कुछ आलोचना करेंगे ही लेकिन बेहतर होता कि वे आलोचना तब करते जब बजट मंे की गयी घोषणाओं पर काम न होता। उम्मीद है, योगी सरकार ऐसा अवसर ही नहीं देगी।