आतंकवाद के खात्मे की ओर बढ़ता भारत

पुलवामा हमले के बाद भारत ने जिस तरह पाक अधिकृत कश्मीर मेें चल रहे आतंकवादी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की है उससे पहली बार पाकिस्तान को बड़ा सबक मिला है। पिछले करीब तीन दशक से पाक द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से जूझÞते भारत ने पुलवामा के 40 शहीदों के बदले 300 से अधिक आतंकवादियों को मौत के घाट उतारकर दुनिया को बड़ा संदेश दे दिया है। उसने अच्छी तरह बता दिया है कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। यह बड़े संतोष की बात है कि पहले जहां अंतर्राष्टÑीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ केवल बातें ही की जाती थीं, वहीं अब भारत की इस कार्रवाई से दुनियाभर का साथ उसे भरपूर मिल रहा है।



इस कड़े कदम का ही परिणाम है कि एयर स्ट्राइक  के बाद पाकिस्तान ने पूरी तरह आत्मसमर्पण कर दिया है। आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान ने शुरू से ही दोहरे मानदंड अपनाये हैं। दुनिया के सामने अब पूरी तरह इनकी कलई खुल गई है। अपनी खीज मिटाने के लिए भले ही एयर स्ट्राइक के अगले दिन पाक सेना ने अपने एफ-16 युद्धक विमान से कश्मीर में गोले बरसाये लेकिन उसके जवाब में मिग-21 के जरिये उसको भी नेस्तानाबूद कर दिया गया।



मौजूदा परिप्रेक्ष्य में आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई अब उस मुकाम पर पहुंच गई है जहां से पीछे कदम हटाना हितकर नहीं होगा। इस महत्वपूर्ण तथ्य को सरकार भी बखूबी समझ रही है तभी देश की तीनों सेनाओं सहित सभी खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर डाल दिया गया है। साथ ही देश की सभी सीमाओं पर कड़ी चौकसी भी बरती जा रही है। फिलवक्त अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के समक्ष भारत अपनी इस लड़ाई को कूटनीतिक स्तर पर भी मजबूती से रख रहा है। हाल ही में ओआईसी की बैठक में भारत ने इस मुद्दे को रखा जिसका उसे भरपूर समर्थन मिला। यह बड़े दुख का विषय है कि आतंकवाद की इस लडाई में जनता तो पूरी तरह एकजुट है लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां ऐसे संवदेनशील मामले में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही हैं। उन्हें समझना होगा कि पार्टी के हित से बड़ा देश हित है। जिस आतंकवाद के चलते अब तक बड़ी संख्या में हमारे जवान शहीद हुए हैं, उस पर विराम लगाने का समय अब आ गया है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों की एकजुटता भी इस लडाई में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। जो राजनीतिक दल एयर स्ट्राइक की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह् लगा रहे हैं वे कहीं न कहीं दुश्मन देश का हौंसला बढ़ा रहे हैं।
वैसे पुलवामा अटैक में पाकिस्तान सेना और आतंकवादियों के शामिल होने का डोजियर सरकार ने पाकिस्तान को भेज दिया है लेकिन उसके पिछले इतिहास को देखकर लगता है कि इस मामले में भी वह केवल खानापूर्ति ही करेगा। संसद अटैक हो, मुंबई हमला हो या उरी अटैक सभी मामलों में पाकिस्तान ने अपनी सेना सहित आतंकवादियों का बचाव ही किया है। उसके इस बर्ताव को भारत तो पूरी तरह समझता है, अब विश्व बिरादरी भी भारत के रुख से पूरी तरह आश्वस्त दिख रही है। मौजूदा सरकार ने पाकिस्तान को व्यापारिक तौर पर भी अलग थलग करने का काम किया है। बुरी तरह से खराब अर्थव्यवस्था के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान को यह बड़ा झटका साबित होगा। पाकिस्तान के जो लोग आतंकवादी संगठनों को समर्थन दे रहे हैं, व्यापारिक प्रतिबंधों से उनकी भी आंखें खुलेंगी। पाकिस्तान का अवाम लंबे समय से आतंकवाद के चलते भारी मुसीबतों के दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान में विदेशी निवेश जहां न के बराबर है वहीं मुद्रा दिनबदिन गिरती जा रही है। ऐसे हालातों के चलते आसानी से समझा जा सकता है कि पाकिस्तान की कैसी हालत होगी?



एयर स्ट्राइक के बाद भारत सहित पाकिस्तान में पूरी तरह युद्ध का माहौल बन रहा है। पाकिस्तान ने अपनी सेनाओं को पूरी तरह चौकस कर दिया है और कुछ हवाई अड्डों को बंद भी कर दिया है। इस दौर में भारत के लिए यह सुनहरा मौका है कि आतंकवाद के खात्मे तक लडाई जारी रखे और गर्म लोहे पर चोट मारने के लिए खुद को तैयार भी रखे।