पुलवामा का बदला बमों से पाक दहला


कश्मीर के पुलवामा मंे 14 फरवरी को आत्मघाती आतंकी हमले मंे सीआरपीएफ के 40 जवानों की जान चली गयी थी। पाकिस्ताान मंे संरक्षण पाये हुए जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की तुरन्त जिम्मेदारी ली थी। भारत मंे इस कायराना हमले को लेकर तीव्र आक्रोश था और नरेन्द्र मोदी की सरकार से आर-पार की कार्रवाई की मांग की जा रही थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि सेना को पूरी छूट दे दी गयी है कि उसे कब, कहां और कैसे कार्रवाई करनी होगी। भारतीय वायुसेना ने शायद इस कार्रवाई का जिम्मा लिया था और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी यह कह रहे थे कि भारत कोई बड़ी कार्रवाई करने वाला है और वह उसी तरह की हो सकती है जैसी अमेरिका ने ओसामा बिल लादेन को लेकर की थी। देश की जनता भी इसकी प्रतीक्षा कर रही थी और 25 फरवरी की रात जब अंतिम प्रहर मंे थी अर्थात् प्रातः के साढ़े तीन बजने वाले थे, तभी भारतीय वायुसेना के 12 मिराज विमानों ने भारत की सीमा से सटी पाकिस्तान की सीमा मंे बालाकोट  और पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद और चकोटी मंे जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एक हजार किलोग्राम के बम गिराकर अनुमानित 300 से अधिक आतंकियों को मार गिराया और ढेर सारा गोला बारूद भी नष्ट किया है। सभी मिराज विमान सुरक्षित वापस लौट आये। पाकिस्तान ने खुद इसकी जानकारी दी और मिराज विमानों से बम वर्षा का वीडीओ जारी किया। इसके बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अधिकृत जानकारी दी। यह भी पता चला कि भारत के इस हवाई हमले का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान ने भी एफ-16 जेट लड़ाकू विमान रवाना किये थे लेकिन भारत की तैयारी को देखते हुए वे वापस आ गये। पाकिस्तान इंटरसर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक आसिफ गफूर ने खुद ही ट्यूट किया ‘भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया।’ पाकिस्तान वायुसेना ने तुरंत कार्रवाई की। भारतीय विमान वापस चले गये। इसी के साथ रेडियो पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने लौटने से पहले जल्दबाजी मंे विमान मंे रखे बम गिरा दिये। रेडियो पाकिस्तान के अनुसार ये बम खैबर पख्तूनख्वा मंे बालाघाट के पास गिरे हैं।



इस प्रकार भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को मंुंहतोड़ जवाब दे दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहले तो कड़ा रवैया दिखाया और कहा कि भारत बिला वजह पाकिस्तान को बदनाम कर रहा है। पुलवामा के हमले मंे भी पाकिस्तान का हाथ होने से उन्होंने इनकार किया इसके साथ ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को भी निर्दोष बता रहे थे। भारत ने मसूद अजहर को सौंपने की मांग की थी। पाकिस्तान यह बात मानने को तैयार ही नहीं था कि जैश-ए-मोहम्मद उसकी धरती पर आतंकी गतिविधियां चला रहा है लेकिन अब पाकिस्तान की सीमा में बालाकोट मंे भारतीय वायुसेना के मिराज से बम वर्षों करके आतंकी ठिकाने को नष्ट किया गया जहां मसूद अजहर का कमांडर मौलाना यूसुफ अजहर कैम्प चला रहा था। यहां पर जैश-ए-मोहम्मद के कई कमांडर भी मारे गये हैं। मौलाना यूसुफ अजहर को मसूद अजहर का साला बताया जाता है। हमले मंे इसे भी मार गिराया गया। इससे साफ जाहिर है कि पाकिस्तान मंे आतंकी गतिविधियां सेना और सरकार की सरपरस्ती मंे चल रही हैं।
पाकिस्तान अब खुद ही अपने सवालों के जवाब दे रहा है। बालाकोट के पास ही अबिटावाद है जहां से ओसामा बिन लादेन को अमेरिका के नैवी कमांडो ने मार गिराया था। अब भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट और पाक अधिकृत कश्मीर मंे जमकर बमबारी की है। वायुसेना ने करीब 12 मिराज विमानों से बम गिराये। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ही बमबारी के फोटो जारी किये। भारतीय एयरफोर्स के कई विमानों ने तड़के लगभग 3.30 बजे पठानकोट एयरबेस और मध्य भारत से उड़ान भरी मिराज-2000 विमानों ने पाकिस्तान के राडार को जाम किया। इसके बाद पीओके मंे मुजफ्फराबाद, चकोटी और पाकिस्तान की सीमा मंे बालाकोट के पहले से टारगेट किये जा चुके इलाकों मंे बम गिराये। जैश-ए-मोहम्मद के कई कैम्प इस हमले मंे नष्ट हो गये हैं और तीन सौ से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की संभावना जतायी जा रही है। भारतीय वायुसेना का सिर्फ 21 मिनट का यह आॅपरेशन था जो पूरी तरफ सफल रहा। हमेशा की तरह पाकिस्तान के मेजर जनरल आसिफ गफूर ने फिर झूठ का सहारा लिया और कहा कि भारतीय विमान बालाकोट के करीब बम गिराकर चले गये, जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
पाकिस्तान को इस बार जवाब देना जरूरी था क्योंकि वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान को लग रहा था कि भारत में राजनीतिक दल जिस तरह से भाजपा और मोदी के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी कर रहे हैं, उससे भारत कोई कड़ा कदम उठाने की स्थिति मंे नहीं है। इमरान खान की यह गलतफहमी दूर हो गयी होगी क्योंकि राजनीतिक दल भले ही एक-दूसरे की राजनीतिक कमियां निकाल रहे हैं लेकिन देश की सुरक्षा के नाम पर सभी एक साथ खड़े हैं। सरकार को सभी का समर्थन मिला और वायुसेना ने बिना किसी नुकसान के पाक अधिकृत कश्मीर मंे 80 किलोमीटर अंदर जाकर आतंकियों के कैम्प नष्ट किये। यह वायुसेना की बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इस कामयाबी का श्रेय फ्रांस निर्मित मिराज-2000 विमानों को भी जाता है और इन्हंे भी फ्रांस की इसाल्ट कम्पनी ने बनाया है। यह मल्टीरोल एयरक्राफ्ट  है। फ्रांस के एयरफोर्स मंे इसे 1984 मंे ही शामिल किया गया था। इस एयरक्राफ्ट मंे नौ प्वाइंट होते हैं  जहां हथियार रखे जाते हैं। इनमें हायर फायरिंग गन से लेकर मिसाइल तक रखे जा सकते हैं। यही कारण रहा कि वायुसेना की इस सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान के एफ-16 जेट विमानों ने जवाबी हमले के लिए उड़ान भरी लेकिन उन्हें जैसे ही धमकी दी गयी कि वापस जाओ वरना नष्ट कर दिये जाओगे, तो वे वापस आ गये। भारतीय वायुसेना ने भी फुलप्रूफ योजना बनायी थी। विमानों को अलग-अलग एयरबेस से उड़ाया गया ताकि किसी को पता न चल सके।



इस हमले मंे कुछ महत्वपूर्ण बाते हैं। पहली यही कि इसे सर्जिकल स्ट्राइक तक ही सीमित रखा गया। एयर फोर्स के निशाने पर सिर्फ आतंकी ठिकाने रहे आमजनता को कोई नुकसान नहीं हुआ है। भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान मंे घबड़ाहट देखी गयी। एक तरफ वहां का शेयर मार्केट धड़ज्ञम से गिरा है तो दूसरी तरफ मसूद अजहर को मिलेट्री हास्पिटल से शिफ्ट कर दिया गया है। पाकिस्तान को यह सबक मिल गया है कि भारतीय हमले का मुकाबला करने की उसमें अभी क्षमता नहीं क्योंकि मिराज के आगे एफ-16 फेल हो गये हैं। भारत मंे पुलवामा हमले के शहीदों के परिजनों को इस हमले से जितनी खुशी मिली है, उसे शब्दो ंमंे बयां नहीं किया जा सकता। साथ ही देश भर मंे जनता का आक्रोश समाप्त हो गया है। इस आक्रोश के चलते ही कुछ स्थानों पर कश्मीरियों से दुव्र्यवहार की खबरें आने लगी थीं,
वे अब नहीं आएंगी। इस हमले का राजनीति पर भी जबर्दस्त असर पड़ा है और शिवसेना जो भाजपा की आलोचना करती थी, उसने कहा पीएम मोदी ने 56 इंच का सीना दिखा दिया है। पाक को इसी से सबक मिल जाए तो बेहतर होगा।